नारी शक्ती…
आज की नारी
सब पर भारी,
पर रोक दे उसको,
ए समाज अविचारी
ज्ञान, ध्यान, पराक्रम की
है यह बहुत प्यारी,
नासमझ है वो इसको
ना समझा कुविचारी
घर संसार की पुजारी,
रिश्ते – नातों की दुलारी,
कोई रोक ना पाए इसको,
जो ए समझा वा संस्कारी
सतयुग से कलयुग ,
हो रहा इसपे अत्याचार भारी
हर एक रूप में लडती रही,
कभी दुर्गा , कभी माँ काली
कब तक चलता रहेगा ए सब
कब तक सहेगी अबला नारी,
बनो कभी आधार इसके,
करलो थोडी सी रखवाली
ए नारी नही, तू अबला
है जगत निर्माण करने वाली
तुजसे यह संसार बना है,
कोई नही तुज सा भारी
न शर्माना, शिक्षा को पाना
तरक्की के आसमाँ न को छूना,
सपनो की नई उडान भरकर
दुनिया को नई राह दिखाना
दुनिया को नई राह दिखाना

नाव – सौ. जयश्री शांताराम
सोनवणे
पत्ता – मु . पो. मेहुणबारे
ता. – ४० गाव जि. जळगाव
मो. नं .7498571551
