संत सोपानदेव
विषय = संत सोपानदेव
शीर्षक =भक्तीभाव
सोपान मुक्ताई | निवृती ज्ञानोबा |
भक्तीत बिठोबा | सकळांचा ॥१॥
अभंग रचिला | गाती ओवी छान |
एक चित्त मन | मुक्ताबाई ॥३॥
बंधु भगीनिचे | प्रेम आठवावा |
आदर्श जपावा | एकचित्त ॥३॥
सोय सागरीचे | जागा निवारित |
मागोणी भरीत | उपाशिया ॥४॥
तुझा तुची थोर | नाही तुज पार |
आमुचा आचार | पांडुरंगा ॥५॥
विठ्ठल पंताचे | सान चिरंजीव |
हे सोपानदेव | गुणवान ॥६॥
लाभली समाधी | साडवड गावी |
तुच मार्ग दावी | दर्शनास ॥७॥
देव अवतार | रूप अद्वितीय |
निवृती जातीय | निष्ठावंत ॥८॥
देवाची पंढरी | बंधु सेवकरी |
सोपान हा करी | नामजप ॥९॥
तुझ्याच चरणी | मस्तक ठेवतो |
नमन करतो | दंडवत ॥१०॥
Psi विनोद बी.सोनवणे (धुळे)
दिनांक =०४-०७-२०२४
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