संत ज्ञानेश्वर
विषय =संत ज्ञानेश्वर
शीर्षक = ज्ञानोबा
संत ज्ञानेश्वर | स्थान पंढरीत |
महान भक्तित | पांडुरंगा ॥१॥
हरपली सत्ता | मुरली वासना |
दिसे तो नयना | रामकृष्ण ॥२॥
सावळा श्रीकृष्ण | नवल देखीलें |
मन हे निवालें | एकचित्त ॥३॥
ज्ञानदेव म्हणे | माझा गोतावळा
तुम्हीच दयाळा | ज्ञानेश्वरा ॥४॥
तुज चरणाशी | लागे समाधान |
होई गार मन | काळजात ॥५॥
निळेये गोविलें | निळेपण ठेलें |
रक्षण जहालें | मुक्ताईचे ॥६॥
बंधु भाव एक | तोची ज्ञानवंत |
महान जगात | ज्ञानराज ॥७॥
लागो माझा माथा | ज्ञानोबा चरणी |
नमन करोणी | माऊलींचे ॥८॥
Psi विनोद बी.सोनवणे (धुळे)
दिनांक =०३-०७-२०२४
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